उसको फ़क़त कोई इतना बता देना
इतना आसान नही किसी को à¤à¥à¤²à¤¾ देना
आंखों में नही दिखती आज तो कà¥à¤¯à¤¾
मà¥à¤®à¤•िन नही उसकी हसरत दिल से मिटा देना
अशà¥à¤• कहते हैं आà¤à¤–ों से बरसने दे हमें
रूह कहती है साà¤à¤¸à¥‹à¤‚ को तरसने दे हमें
दिमाग ये चाहता है तà¥à¤à¤•ो à¤à¥‚ल जाठमगर
दिल ये कहता है कà¥à¤› और तड़पने दे हमें
खà¥à¤¶ हूठमैं इस हाल में, à¤à¤¸à¥‡ ही अब रहने दे हमें
दरà¥à¤¦-à¤-दिल न बता पाऊंगा मैं , तनहा ही इसे सहने दे हमें
दफ़न है सैलाब अशà¥à¤•ो का दिल में अब तलक
उस की सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥€ से कà¥à¤› तो लिखने दे हमें
मैं कà¥à¤¯à¤¾ करूठमà¥à¤à¥‡ तो रोना नही आता
आंसà¥à¤“ं से पलकें à¤à¤¿à¤—ोना नहीं आता
याद करना तà¥à¤à¥‡ मजबूरी बन गयी है मेरी
तà¥à¤à¥‡ याद किठबिना तो मà¥à¤à¥‡ सोना नही आता
पाना ही सीखा था मैंने ज़िनà¥à¤¦à¤—ी में आज तक
इस दिल को मोहबà¥à¤¬à¤¤ में कà¥à¤› खोना नही आता
कोई और बसी ही नहीं इस दिल में, तà¥à¤à¥‡ खोने के बाद
तेरे सिवा मà¥à¤à¥‡ किसी और का होना नही आता
आजाद गगन मैं खूब उड़ना चाहता हूà¤
खà¥à¤²à¥€ हवा में साà¤à¤¸ लेना चाहता हूà¤
पल पल ज़िनà¥à¤¦à¤—ी में घà¥à¤Ÿ घà¥à¤Ÿ कर मरा हूठमैं
अब ज़रा खà¥à¤² कर मैं जीना चाहता हूà¤
कदम पर ज़खà¥à¤® मिले हैं मà¥à¤à¥‡ ज़िनà¥à¤¦à¤—ी से
अब उन सारे ज़खà¥à¤®à¥‹ को मैं सीना चाहता हूà¤
जो खà¥à¤¶à¥€ नही लिखी खà¥à¤¦à¤¾ ने मेरी किसà¥à¤®à¤¤ में
अब हर वो खà¥à¤¶à¥€ उस से मैं छीनना चाहता हूà¤
कà¥à¤¯à¥‹ मेरी किसà¥à¤®à¤¤ से जà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ नहीं जाती
ज़िनà¥à¤¦à¤—ी यूठà¤à¥€ अकेले बिताई नहीं जाती
बहà¥à¤¤ कà¥à¤› दफ़à¥à¤¨ है, इस छोटे से दिल में
मोहबà¥à¤¬à¤¤ दिल में अब और दबाई नहीं जाती
कल मेरी आंखों ने कà¥à¤¯à¤¾ गज़ब का नज़ारा देखा
कà¤à¥€ जो शकà¥à¤¸ था मà¥à¤à¥‡ जान से à¤à¥€ पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾, देखा
खो गया उनका वो चांद सा चेहरा देख कर
खà¥à¤¦ ही दिल का कतà¥à¤² होते हà¥à¤¯à¥‡ हमारा देखा
आज वक़à¥à¤¤Â को वापिस घà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥‡Â को जी चाहे
किसà¥à¤®à¤¤Â फिर से आज़माने को जी चाहे
नहीं जीते हम मोहबà¥à¤¬à¤¤Â की बाज़ी तो कà¥à¤¯à¤¾
वही दांव आज फिर से लगाने को जी चाहे
अब मैने इस दिल को लगाना छोड़ दिया
उसकी याद में खà¥à¤¦ को जलाना छोड़ दिया
बहà¥à¤¤ तोड़ा है उसकी चाहत ने मà¥à¤à¥‡ अकà¥à¤¸à¤°
अब और मैने इशà¥à¥˜ में टूट जाना छोड़ दिया
मेरी वफाओं में देखें आज के दम कितना है
उसे मोहबà¥à¤¬à¤¤ थी मà¥à¤à¤¸à¥‡, आखिर ये à¤à¥à¤°à¤® कितना है
आंसू न निकले बिछड़ते वक़à¥à¤¤ आंखों से लेकिन
ये कौन जाने उसे à¤à¥€ जà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ का ग़म कितना है
आज सोचा दबे जज़à¥à¤¬à¤¾à¤¤à¥‹à¤‚ के सिवा कà¥à¤› लिखता हूà¤
चाहत में बीते लमà¥à¤¹à¤¾à¤¤à¥‹à¤‚ के सिवा कà¥à¤› लिखता हूà¤
वकà¥à¤¤ था जब तेरे खयालों ने नींद उडा रखी थी
जाग के गà¥à¥›à¤¾à¤°à¥€ उन रातों के सिवा कà¥à¤› लिखता हूà¤