मूरत बना बिठाया तà¥à¤®à¤¨à¥‡ कही मà¥à¤à¥‡,
जैसे दिल ही नही सीने मे धड़कता है,
मे पतà¥à¤¥à¤° हू, तà¥à¤® जिसको सज़ाते हो,
मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• सजावटी चीज़ बनाते हो,
कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤®à¤¨à¥‡ कà¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾ ही नही,
दिल à¤à¥€ है मेरा जो धड़कता à¤à¥€ है,
कà¥à¤› अहसास रखता à¤à¥€ है,
बस तà¥à¤®à¤¨à¥‡ इसमे से जान निकाली है,
à¤à¤• पतà¥à¤¥à¤° की तबीयत इसमे डाली है,
जिसà¥à¤® जैसे पतà¥à¤¥à¤° ही हो चला है,
अहसास मर जाठना कही इसके,
इसमे इंसानी फ़ितरत आने दो ज़रा,
मà¥à¤à¥‡ फिर से मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ दो ज़रा,
सà¥à¤¨à¥‹ à¤à¤• बार मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ दो ज़रा,
Sakhi
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