लहू से सींचती है,  दूध, माठ जिसको  पिलाती  है
बड़ा  होकर वो बचà¥à¤šà¤¾, माठ का कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आदर नहीं करता
सबब इसका है कà¥à¤› माहौल, और कà¥à¤› परवरिश उसकी
जो  माठ के सामने अपना, वो नीचा  सर नहीं करता
By Satish Shukla “Raqeeb”